नासिक कुंभ मेला - Nashik Kumbh Mela

नासिक कुंभ मेला - Nashik Kumbh Mela

कुंभ मेला हिंदू धर्म का एक अहम पर्व है। मान्यता है कि 12 वर्षों में एक बार गोदावरी नदी के समीप नासिक और त्र्यंबकेश्वर में दो जगहों पर कुंभ मेले का आयोजन होता है। यहां भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक त्र्यंबकेश्वर नामक ज्योतिर्लिंग है।
 
 

नासिक कुंभ मेला 2027: (Nashik Kumbh Mela 2027)
 
नारद पुराण के अनुसार नासिक में जब बृहस्पति और सूर्य सिंह राशि में होते हैं तब कुंभ मेला नासिक के त्र्यंबकेश्वर में मनाया जाता है। कुंभ मेले का मुख्य आकर्षण शाही स्नान होता है जिसमें विभिन्न धार्मिक अखाड़ों के प्रतिनिधि स्नान करते हैं। अगला नासिक कुंभ मेला साल 2027 में मनाया जाएगा।
 
 

कुंभ मेले का इतिहास (History of Kumbh Mela in Hindi)
 
आस्था के इस प्राचीन धरोहर के तार हिंदू धर्म के समुद्र मंथन की कथा से जुड़े हैं। मान्यता है कि समुद्र - मंथन से जब " अमृत कुंभ " निकला तब भगवान इन्द्रदेव के पुत्र जयंत ने इसे दैत्यों से बचाने का प्रयास किया। वह अमृत कलश को लेकर आकाश में उड़ गए और वहां 12 दिनों तक दैत्यों और देवताओं में युद्ध हुआ। इसी दौरान अमृत की कुछ बूंदें भारत के चार तीर्थ स्थानों पर गिर गई।  यह चार स्थान हैं: हरिद्वार, प्रयाग, उज्जैन और नासिक। इसी कथा के कारण प्रत्येक 12 वर्षों में इन चारों जगह कुंभ मेला लगता है और लोग पवित्र जल में स्नान करते हैं।
 
 

12 सालों में ही क्यों मनाया जाता है कुंभ पर्व (Why its Celebrated in 12 Years in Hindi)

देवताओं और दैत्यों के बीच लगातार बारह दिन तक युद्ध हुआ था और देवताओं के बारह दिन मनुष्यों के बारह वर्षों के बराबर होते हैं इसलिए कुंभ मेले का आयोजन भी बारह वर्षों में एक बार किया जाता है।

कुंभ मेले के दौरान क्या खाएं :

कुंभ हिन्दू धर्म में अहम स्थान रखता है। कुंभ के दौरान कुछ विशेष दिनों में व्रत और स्नान का अहम महत्व होता है। अगर आप भी कुंभ में स्नान करने या घूमने जा रहे हैं तो, आज हम आपको बनाना सिखाते हैं दो ऐसे व्यंजन जिन्हें आप आसानी से बना सकते है और इनको आप सफर के दौरान ले जा सकते हैं।

ड्राई फ्रूट्स नमकीन :

आवश्यक सामग्री

1.    मखाने- 20-30 दाने

2.    काजू- 20 दाने

3.    बादाम- 20 दाने

4.    किशमिश- 20 दाने

5.    सेन्धा नमक- 1  चम्मच

6.    काली मिर्च पावडर- आधा  चम्मच

7.    घी- 2 चम्मच

बनाने की विधि :

सबसे पहले एक पैन में घी गरम करें। घी गरम होने पर आंच कम कर दें। फिर इसमें मखाने डालकर हल्का ब्राउन होने तक तल लीजिएं। अब इन  मखानों क़ो निकालकर प्लेट में रख लीजिए।

अब घी में काजू, बादम और किशमिश को भी अलग-अलग सुनहरा होने तक तल लीजिएं। अब एक बड़े कटोरे में मखाने, किशमिश, काजू और बादाम डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लीजिए। फिर इसपर ऊपर से सेंधा नमक और काली मिर्च पावडर को छिड़क लीजिएं। आपका स्वादिष्ठ ड्राई फ्रूट नमकीन तैयार है।

समां के चावल से बना चीला:

कुम्भ स्नान एवं व्रत  में साबूदाना और  समां के चावल से बना  चीला अत्यंत पसंद किया जाता है  । आईये जानते हैं इसे बनाने की विधि ।

आवश्यक सामग्री –

1.    समा के चावल- 200 ग्राम

2.    साबूदाना- 50 ग्राम

3.    तेल- 3 चम्मच

4.    हरा धनिया- कटा हुआ 2 चम्मच

5.    हरी मिर्च- 2  कटी हुई

6.    सेन्धा नमक- 2 चम्मच

7.    जीरा- 1 चम्मच

बनाने की विधि -

सबसे पहले साबूदाना और समां के चावल को अच्छी तरह से धोकर को 2-3 घंटे के लिए अलग अलग बर्तनों में भिगो कर रख दीजिए। इसके बाद साबूदाना को अच्छी तरह से मैश कर लीजिएं। अब मिक्सी में भीगा हुआ साबूदाना और थोड़ा सा पानी डालकर इसे बारीक पीस लें। अब समां के चावल को भी मिक्सी में दाल कर दरदरा यानि थोड़ा मोटा पीस लीजिए। अब चावल और साबूदाना का मिश्रण बना लीजिए और इस मिश्रण में हरी मिर्च, सेन्धा नमक,  जीरा और हरा धनिया डाल कर मिक्स कर लें। अब इस मिश्रण में पानी डालकर इसे बैटर के बराबर पतला कर लीजिए ताकि यह चम्मच से गिराने लायक हो जाए।

अब एक तवे या नॉन स्टिक तवे पर थोड़ा सा तेल डाल कर गरम कीजिए। जब तेल गर्म हो जाए तो आंच को हल्का कर दीजिए।  अब तवे पर 2-3 चम्मच बैटर डालकर उसे गोलाई में फैलाइए। अब  आंच़ को थोड़ा तेज कर के चीले के चारों तरफ थोड़ा-थोड़ा तेल डालिए। जब यह नीचे की तरफ से सुनहरा हो जाए तो इसे पलट दीजिए और दूसरी तरफ से भी हल्की आंच पर ही सेंक लीजिए।  चीला तैयार है। आप इसे व्रत वाली मूंगफली की चटनी या टमाटर की चटनी के साथ खा सकते हैं।

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