काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishvanath Temple) भगवान शिव को समर्पित प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर में पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। यहां भगवान शिव, बाबा विश्वनाथ यानि "विश्व को चलाने वाले देव" के रूप में विराजमान हैं। मंदिर में स्थित ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। वाराणसी शहर को काशी नाम से भी जाना जाता है इसलिए ही इस मंदिर का नाम काशी विश्वनाथ मंदिर पड़ा है। मंदिर में एक छोटा सा कुआँ भी है जिसे ज्ञान वापी (Gyaan vapi) के नाम से जाना जाता है।
शिवरात्रि के पावन अवसर पर होने वाला त्यौहार इस मंदिर का एक प्रमुख आकर्षण है। इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की रथ यात्रा निकाली जाती है जिसमें शामिल होने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु यहाँ आते हैं। इस मंदिर की वास्तुकला भी बेहद अनुपम है। इसके ऊंचे शिखर, निर्माण कला, सोने का छत्र आदि मिलकर एक भव्य इमारत की झलक पेश करते हैं। मान्यता है कि काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
काशी विश्वनाथ मंदिर का जिक्र स्कंद पुराण में भी किया गया है। यह मंदिर कई बार नष्ट हुआ और दुबारा बनाया गया। अंतिम बार इस मंदिर को औरंगजेब द्वारा ध्वस्त किया गया था, जिसने इसके स्थान पर ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) का निर्माण कराया। वर्तमान में स्थित मंदिर 1780 में महारानी अहिल्या बाई होल्कर (Ahilyabai Holkar) द्वारा बनवाया गया था।
मंदिर से जुड़ी एक बड़ी ही रोचक बात यह है कि शिवरात्रि के पवित्र अवसर पर काशीनरेश (काशी के राजा के वंशज) मुख्य पुजारी का कर्तव्य निभाते हैं इसके अलावा इस दौरान किसी भी पुजारी या अन्य व्यक्ति को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं होती है। धार्मिक कार्यक्रमों के पूर्ण होने के बाद ही किसी को अंदर प्रवेश करने दिया जाता है।
मंदिर में सुबह 3 बजे से 4 बजे के बीच मंगल आरती में भाग लेने के लिए श्रद्धालुओं को टिकट लेना होता है जो मंदिर के ऑफिस से या ऑनलाइन बुक किया जा सकता है
सुबह 11:30 से लेकर 12 बजे तक भोग लगाया जाता है, इस दौरान भी मंदिर में प्रवेश के लिए शुल्क लगता है
सुबह 04 बजे से 11 बजे तक, दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 07 बजे और रात्रि 08:30 से 09 बजे तक श्रद्धालु निशुल्क बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकते हैं
मंदिर में सभी प्रकार की पूजा-अर्चना के लिए शुल्क निर्धारित है, इसका ध्यान रखें
अगर कोई जल्दी दर्शन कराने या स्पेशल दर्शने कराने की बात कहें तो उसके बहकावे में ना आएं
पर्यटक मंदिर के आस- पास स्थिति छोटी- छोटी दुकानों से पूजा की सामग्री खरीद सकते हैं