जीवन में धर्म का महत्व- Importance of Dharma​ in life

जीवन में धर्म का महत्व- Importance of Dharma​ in life

मानव जीवन का लक्ष्य जन्म और मृत्यु के चक्र को तोड़कर भगवान के साथ विलय हो जाना है। इस लक्ष्य को गुरु की शिक्षाओं का पालन करके, पवित्र नाम पर ध्यान करके और सेवा दान करके ही प्राप्त किया जा सकता है।

जीवन में धर्म का महत्व (Importance of Dharma​ in life)

हर मनुष्य के जीवन की समस्या अलग-अलग होती हैं। इसी के अनुरूप मनुष्य अपने धर्म को याद करता है। धर्म भी मनुष्य की जरूरत के अनुरूप लचीला होना चाहिए। इसीलिए गुरु नानक देव जी ने पूजा और धार्मिक प्रतीकों की पूजा पर पाबंदी लगाई थी।

लेकिन साथ ही उन्होंने दैनिक जीवन में ईमानदारी, नैतिकता, विनम्रता को प्रधानता देने पर जोर दिया था। सिख धर्म के अनुसार ईश्वर को याद करना जरूरी है लेकिन ईश्वर को याद करने के चक्कर में अपने काम नहीं छोड़ने चाहिए।

गुरु नानक जी कहते हैं: ईश्वरीय नाम की भक्ति के बिना इस दुनिया में जन्म लेना बेकार होता है। ऐसे लोग विष पीते हैं और उनके कथन भी जहरीले होते हैं। गुरु अर्जन देव की वाणी के अनुसार सच्चा जीवन भगवान की राह पर, चिंतन नाम पर और संतों के समाज में जीने में है। गुरु रामदास जी भी वर गौरी नामक वाणी में कहते हैं कि सच्चे गुरु का शिष्य गुरु के शिक्षण के माध्यम से प्रभु पर ध्यान केन्द्रित करता है और उसके सारे पाप माफ हो जाते हैं।

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