इस्लाम के पांच स्तंभ - Five Piller Of Islam

इस्लाम के पांच स्तंभ - Five Piller Of Islam

इस्लाम धर्म पांच मूलभूत सिद्धान्त होते हैं जिन्हें इस्लाम के पांच स्तंभ भी कहा जाता है। हर मुस्लिम को इन सिद्धांतों या स्तंभों के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करना होता है। मुस्लिम धर्म की नींव इन्हीं सिद्धान्तों पर ईमान लाकर यानि इनको मानकर ही पूरी होती है। यह पांच सिद्धांत निम्न हैं-

शहादा

यह इस्लाम धर्म का सबसे प्रमुख सिद्धान्त है। किसी भी मुसलमान को कलमा पढ़ना यानि शहादा देना बेहद जरूरी है।

सलात

सलात यानि नमाज़ मुस्लिम जीवन का बेहद अहम हिस्सा है। एक मुसलमान व्यक्ति को दिन में पांच बार नमाज़ पढ़ना जरूरी माना जाता है।

ज़कात

ज़कात यानि दान देना। मान्यतानुसार हर मुसलमान को अपनी वार्षिक कमाई का 2.5% गरीबों और जरूरतमंदों को दान में देना जरूरी समझा गया है।

रमज़ान

इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से नौवां महीना रमज़ान का होता है। रमज़ान के पूरे महीने में मुसलमान रोज़ा यानि व्रत रखते हैं।

हज

हज इस्लाम का पांचवां और आखिरी स्तंभ है। इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने में हज यात्रा शुरू होती है। मान्यतानुसार हर मुसलमान को जिंदगी में एक बार हज जरूर करना चाहिए।

इस्लाम के यह पांच सिद्धान्त हर मुसलमान का फर्ज माना जाता है। इनको पूरा ना करना एक पाप के समान माना जाता है। इस्लाम के इन पांच सिद्धान्तों को मानकर कोई भी शख्स मुस्लिम समूह में शामिल हो सकता है लेकिन इसी के साथ उसको और भी कई कर्तव्य पूरे करने होते हैं।

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