ओणम - Onam

ओणम - Onam

ओणम, केरल का प्रमुख त्यौहार है। मलयालम कैलेण्डर के अनुसार, चिंगम महीने में थिरुवोणम नक्षत्र होने पर यह त्यौहार मनाया जाता है। वर्ष 2022 में ओणम 8 सितंबर (Onam) को मनाया जाएगा।

ओणम की कहानी (Story of Onam in Hindi) 

केरल में ओणम उनके प्रिय राजा महाबलि की याद में मनाया जाता है। ओणम की कहानी (Story of Onam) भगवान विष्णु और उनके वामन अवतार से जुड़ी है। लोक मान्यताओं और वामन पुराण के अनुसार केरल में एक महाप्रतापी राजा हुआ करता था जिसका नाम था बलि। राक्षस जाति के होने के बावजूद राजा अपनी प्रजा के लिए काफी प्रतिबद्ध थे। राजा बलि के सुशासन से देवता काफी ईष्या करने लगे। राजा बलि से ईर्ष्या कर देवताओं ने भगवान विष्णु से सहायता करने का आग्रह किया। 

देवताओं की प्रार्थना सुनकर भगवान श्री विष्णु ने वामन अवतार लिया। एक दिन वामन बलि की सभा में पहुंचे। महाबलि ने उनसे स्वागत किया और उनसे मनचाही वस्तु मांगने को कहा। 

वामन जी ने राजा से दान में तीन पग भूमि मांग ली। दानवीर राजा महा बलि ने यह स्वीकार कर लिया। किन्तु जैसे ही महाबलि ने यह भेंट श्री वामन को दी, वामन का आकार एकाएक बढ़ता ही चला गया। वामन ने तब एक कदम से पूरी पृथ्वी को ही नाप डाला तथा दूसरे कदम से आकाश को। अब तीसरा कदम तो रखने को स्थान बचा ही नहीं था। तब राजा बलि ने कहा कि आप मेरे सिर पर पैर रखें। ऐसा सुनकर वामन भगवान ने पैर रखकर राजा को पाताल भेज दिया। 

चूंकि राजा बलि की प्रजा उससे बहुत ही स्नेह रखती थी, इसीलिए श्रीविष्णु ने बलि को वरदान दिया कि वह अपनी प्रजा को वर्ष में एक बार अवश्य मिल सकेगा। अतः जिस दिन महाबलि केरल आते हैं, वही दिन ओणम के रूप में मनाया जाता है। इस त्यौहार को केरल के सभी धर्मों के लोग मनाते हैं। कई लोग इस त्यौहार को कृषि से जोड़कर भी देखते हैं।
 
कैसे मनाया जाता है ओणम (Rituals of Onam)
दस दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार में पहला और आखिरी दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस पर्व के दौरान एक विशेष नौका दौड़ का भी आयोजन किया जाता है। ओणम के दौरान महिलाएं घर में फूलों की रंगोली बनाती हैं। ओणम त्यौहार का एक और खास आकर्षण इस दिन बनने वाले विशेष व्यंजन भी होते हैं।    

ओणम

दक्षिण भारत के अहम पर्वों में से एक है ओणम। इस पर्व में दक्षिण भारत की परंपरा के पूर्ण दर्शन होते हैं। ओणम सध्या ओणम का अभिन्न अंग है, यह एक प्रकार भोज होता है जिसमें केले के पत्ते पर विभिन्न व्यंजन परोसे जाते हैं। ओणम सध्या में कई प्रकार के व्यंजन होते हैं जिनमें से अहम हैं केले के चिप्स, सांभर, सालन, रसम, पचड़ी आदि। तो चलिए आज हम बनाना सीखते हैं पारंपरिक सांभर और करी कालन बनाने की रेसिपी। दोनों ही व्यंजन ओणम पर्व पर विशेष रूप से बनाई जाती हैं।

सांभर रेसिपी (Sambar Recipe)

हम आपको बताएंगे सांभर बनाने का सबसे आसान तरीका।

आवश्यक सामग्री - Ingredients for Sambar

अरहर की दाल - 1/2 कप
टमाटर - 3
अदरक - 1 इंच टुकड़ा 
हरी मिर्च - 2
लौकी - 1 कप (बारीक कटी हुई)
बीन्स - 10-12 (1 इंच के टुकड़ों में कटी हुई, सब्जियों में आप बैंगन, कद्दू, लौकी, सजना फलीं आदि ले सकते हैं )
हरा धनिया - 2-3 टेबल स्पून (बारीक कटा हुआ)
करी पत्ता - 15-20
इमली का पल्प- 2 टेबल स्पून 
राई - ½ छोटी चम्मच
मेथी के दाने - ¼ छोटी चम्मच
हल्दी, धनिया और लाल मिर्च पावडर - ¼ छोटी चम्मच
नमक - 1.5 छोटी चम्मच या स्वादानुसार
तेल - 3-4 टेबल स्पून
साबूत लाल मिच- 5 से 6 तड़का लगाने के लिए

सांभर बनाने की विधि :

सबसे पहले अरहर की दाल को धोकर एक घंटा पहले भिगो लें। फिर कुकर में दाल,  सभी सब्जियां, हल्दी पावडर और नमक डाल कर तीन सीटी या जब तक सब्जियां ना पक जएं पका लीजिएं।

अब एक पैन में तेल गर्म करें। इसमें राई और कड़ी पत्तें का तड़का लगाएं। फिर इसमें सभी मसाले डालकर भून लीजिएं। इसके बाद इसमें इमली का पानी और टमाटर मिला दीजिएं। याद रखिएं कि सांभर का स्वाद इमली के खट्टेपन पर निर्भर होता है, इसे ज्यादा कम या स्वाद के अनुसार ज्यादा खट्टा भी ना बनाएं।

जब सभी मसाले पक जाएं तो इसमें दाल मिला दीजिएं और कुछ देर के लिए पकने दीजिएं। लीजिएं आपकी शानदार और झटपट बनने वाली सांभर तैयार है।

करी कालन बनाने की रेसिपी

करी कालन बिलकुल सांभर की तरह बनता है, अंतर केवल इतना है कि इसमें दही मिलाया जाता है। तो चलिए बनाते हैं ओणम स्पेशल करी कालन।

सामग्री-

1.     2 कच्‍चे केले (छोटे टुकड़ों में कटे हुए)

2.     4 कटे हुए शकरकंद

3.     3 चम्‍मच घिसे हुए नारियल

4.     1 सहजन या सजना फलीं

5.     100 ग्राम दही

6.     1 चम्‍मच काली मिर्च, हल्‍दी

7.     कड़ी पत्‍ता 4 से 5

8.     1 चम्‍मच सरसों के दानें या राई

9.     3 सूखी लाल मिर्च

10.  4 कटी हरी मिर्च

11.  1 चम्‍मच घी

12.  नमक स्‍वादानुसार

बनाने की विधि :

सभी सब्जियों को एक साथ काटकर कुकर में डाल दीजिएं। इसमें हल्दी और नमक डालकर दो से तीन सीटी तक पका लीजिएं। अब सब्जियों के पानी को चानकर अलग कर दीजिएं।

एक पैन में दही और सभी उबली हुई सब्जियों को डालकर पकाएं। जब सब्जी गाढ़ी हो जाए तो इसमें सभी मसालें डाल दें। यह आपका कालन तैयार है, अभी इसमें तड़का लगाना है।

अब एक अलग पैन लें और उसमें घी या खाने वाला नारियल तेल गर्म करें। इसमें राई डालें, जब राई फूटने लगे तो इसमें कड़ी पत्ते और सूखी लाल मिर्क्घ को डालें। फिर इसे तैयार हो चुके कालन में डाल दीजिए। लीजिए आपकी करी कालन तैयार है।

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