सेंट फिलोमेना चर्च - Saint Philomena Church

सेंट फिलोमेना चर्च - Saint Philomena Church

सेंट फिलोमेना चर्च कर्नाटक के मैसूर शहर में एक प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में प्रचलित है। सेंट फिलोमेना चर्च (Saint Philomena Church) नव-गॉथिक शैली में सन 1936 में निर्मित किया गया और साथ ही यह भारत के सबसे ऊंचे चर्चों में से एक है। वर्तमान में सेंट जोसेफ चर्च के रूप में प्रसिद्ध यह चर्च ग्रीस के तीसरी सदी की संत फिलोमेना को समर्पित है।

सेंट फिलोमेना के बारे में - About Saint Philomena in Hindi

सेंट फिलोमेना एक लैटिन कैथोलिक संत और रोमन कैथोलिक चर्च की शहीद थीं। वह एक जवान यूनानी राजकुमारी थीं जो चौथी शताब्दी में शहीद हो गई थीं। सन 1802 में रोम के वाया सलारिया में सेंट प्रिसिला के तहखाने में लगभग 14 साल की एक लड़की के कुछ अवशेष पाए गए और साथ ही कुछ टाइल्स पर शिलालेख मिले जिससे यह पता चला कि वह मकबरा सेंट फिलोमेना का था।

सेंट फिलोमेना चर्च के बारे में - About Saint Philomena Church in Hindi

सन 1843 में तृतीया महाराजा मुम्मदी कृष्णाराजा वोडेयार द्वारा यह चर्च बनवाया गया। सन 1933 में कृष्णाराजा वोडेयार तृतीया के पोते ने इस बड़े चर्च की शिलालेख रखी। इसका जिम्मा फादर कोचेट को दिया गया जिन्होंने राजा से सेंट फिलोमेना के सम्मान में एक चर्च के निर्माण में उनकी सहायता मांगी थी। सेंट फिलोमेना के कुछ अवशेष इस चर्च की मुख्य वेदी के नीचे एक तलघर में संरक्षित रखे गए हैं।

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