माधव, केशव, कान्हा, कन्हैया जैसे नामों से पुकारे जाने वाले भगवान श्रीकृष्ण का जन्म दिन "जन्माष्टमी" के रूप में मनाया जाता है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण की जयंती मनाई जाती है। हिन्दू धर्मानुसार प्रत्येक मनुष्य को जन्माष्टमी का व्रत (Janmashtami Vrat) अवश्य करना चाहिए।
जन्माष्टमी (Janmashtami)
इस साल जन्माष्टमी का व्रत 18 अगस्त, 2022 को रखा जाएगा।
जन्माष्टमी व्रत विधि (Janmashtami Vrat Vidhi in Hindi)
भविष्य पुराण अनुसार जन्माष्टमी व्रत की विधि निम्न है-
* व्रत के दिन मध्याह्न में स्नानकर माता देवकी के लिए सूतिका गृह बनाएं। उसे फूलों से सजाएं। इस सूतिका गृह में बाल गोपाल समेत माता देवकी की मूर्ति स्थापित करें।* सुयोग्य पंडित की सहायता से विभिन्न मंत्रों द्वारा माता देवकी, बाल गोपाल कृष्ण, नन्दबाबा, यशोदा माता, देवी लक्ष्मी आदि की पूजा करनी चाहिए।* इसके बाद आधी रात को गुड़ और घी से वसोर्धारा की आहुति देकर षष्ठीदेवी की पूजा करनी चाहिए।* नवमी के दिन माता भगवती की पूजा कर ब्राह्मणों को दक्षिणा देनी चाहिए और व्रत का पारण करना चाहिए।* ऐसा करने से मनुष्य के सातों जन्मों का पाप खत्म होता है और वह वैकुण्ठ लोक में स्थान पाता है।