रमा एकादशी व्रत विधि- Rama Ekadashi Vrat Vidhi in Hindi

रमा एकादशी व्रत विधि- Rama Ekadashi Vrat Vidhi in Hindi
रमा एकादशी व्रत विधि- Rama Ekadashi Vrat Vidhi in Hindi

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है। रमा एकादशी (Rama Ekadashi) के दिन भगवान विष्णु का विशेष विधि से पूजन किया जाता है। यह व्रत देवी लक्ष्मी के नाम (रमा) से जाना जाता है, जो दीपावली से चार दिन पहले आता है। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए व्रत करने का विधान है। रमा एकादशी के प्रभाव से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, तथा वे मोक्ष प्राप्त करता है।

रमा एकादशी व्रत (Rama Ekadashi Vrat)

साल 2022 में रमा एकादशी व्रत 21 अक्टूबर को रखा जाएगा।

रमा एकादशी व्रत विधि (Rama Ekadashi Vrat Vidhi in Hindi)

एकादशी व्रत के नियमों का पालन व्रत के एक दिन पहले यानि दशमी के दिन से ही शुरू हो जाता है। रमा एकादशी के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत संकल्प करना चाहिए। एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए है। इसके बाद भगवान विष्णु का धूप, पंचामृत, तुलसी के पत्तों, दीप, नेवैद्ध, फूल, फल आदि से पूजा करने का विधान है।

रमा एकादशी व्रत वाली रात को भगवान का भजन- कीर्तन या जागरण करना चाहिए। पद्म पुराण के अनुसार व्रत अगले यानि द्वादशी के दिन भगवान का पूजन कर ब्राह्मण को भोजन और दान (विशेष: कपड़े, जूते, छाता, आदि) देने का विधान बताया गया है। अंत में भोजन ग्रहण कर व्रत खोलना चाहिए।

रमा एकादशी व्रत का महत्त्व (Importance of Rama Ekadashi Vrat in Hindi)

पद्म पुराण के अनुसार रमा एकादशी व्रत कामधेनु और चिंतामणि के समान फल देता है। इसे करने से व्रती अपने सभी पापों का नाश करते हुए भगवान विष्णु का धाम प्राप्त करता है। मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा रमा एकादशी व्रत के प्रभाव से धन- धान्य की कमी दूर होती है।

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in