पुरुषोत्तमी एकादशी व्रत - Purushottam Ekadashi Vrat in Hindi

पुरुषोत्तमी एकादशी व्रत - Purushottam Ekadashi Vrat in Hindi

परम एकादशी अधिक माह में मनाई जाती है और यह एकादशी अधिक माह के कृष्ण पक्ष में आती है जिसे परम एकादशी कहा जाता है। इस साल परमा एकादशी 13 अक्टूबर के दिन मंगलवार को पड़ रही है। जो महीना अधिक हो जाता है उसपर परम एकादशी का व्रत निर्भर करता है, इसलिए परम एकादशी का व्रत रखने के लिए कोई चंद्र मास तय नहीं होता। अधिक मास को मलमास, पुरषोत्तम मास भी कहते हैं। इसे अधिक मास एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

परम एकादशी (Parma Ekadasshi Shubh Muhurat) व्रत मुहूर्त

आश्विन परम एकादशी मंगलवार, अक्टूबर 13, को

एकादशी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 12, 2020 को 04 बजकर 38 मिनट पर

एकादशी तिथि समाप्त – अक्टूबर 13, 2020 को 02 बजकर 35 मिनट तक

पुरुषोत्तम एकादशी का महत्व

अधिक मास भगवान विष्णु का एक प्रिय महीना है। इस महीने में एकादशी का व्रत करने से हजारों यज्ञ के समान फल मिलता है। साथ ही मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा यह व्रत मनोरथ पूर्ती के लिए भी शुभ माना गया है। इस बात की मान्यता है कि जो भक्त भगवान विष्णु की असीम कृपा पाना चाहते हैं, उन्हें पुरुषोत्तम एकादशी का व्रत करना चाहिए।

पुरुषोत्तम एकादशी पूजा विधि –

एकादशी के दिन सुबह नहाकर आदि से निवृत होकर भगवान विष्णु का ध्यान व प्रार्थना करें। सबसे पहले भगवान विष्णु की मूर्ती या तस्वीर को पीले कपड़े पर बिछाकर स्थापित करें। फिर मूर्ती पर गंगाजल छिड़कें और रोल या अक्षत का तिलक लगाएं। सफेद फूल चढ़ाएं। फिर भगवान को भोग लगाएं और तुलसी का पत्ता भी अर्पित करें। इसके बाद भगवान के स्रोत या मंत्रों का जाप करें और विष्णु चालीसा का पाठ करें। फिर देसी घी का दीपक जलाएं और जाने अनजाने हुए पापों की क्षमायाचना करके आरती उतारें। गरीब व जरूरमंदों को दान जरूर करें और शाम के समय भी पूजा अवश्य करें। रात में विष्णु भगवान का भजन कीर्तन करें और द्वादशी तिथि को स्नान के बाद भगवान का स्मरण करें और गरीबों को खाना करवाकर दक्षिणा के साथ विदा करें।

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