मंगला गौरी व्रत विधि- Mangla Gouri Vrat Vidhi in Hindi

मंगला गौरी व्रत विधि- Mangla Gouri Vrat Vidhi in Hindi
मंगला गौरी व्रत विधि- Mangla Gouri Vrat Vidhi in Hindi

मंगला गौरी व्रत हिन्दुओं का त्यौहार है। श्रावण मास के प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) किया जाता है। भविष्यपुराण और नारदपुराण में इस व्रत का जिक्र किया गया है।  इस दिन देवी पार्वती की पूजा गौरी स्वरूप में की जाती है।

क्यों किया जाता है मंगला गौरी व्रत (Why to do Mangla Gouri Vrat in Hindi)

हिन्दू धर्मानुसार जिन जातकों की कुंडली में विवाह-दोष या जिनकी शादी में देरी हो रही हो उन्हें यह व्रत अवश्य करना चाहिए।  सुखी वैवाहिक जीवन के लिए भी इस व्रत को बेहद अहम माना जाता है।

मंगला गौरी व्रत (Mangla Gouri Vrat)

इस साल मंगला गौरी व्रत 14 जुलाई, 19 जुलाई, 26 जुलाई, 2 अगस्त, 7 अगस्त और 12 अगस्त को रखा जाएगा।

मंगला गौरी व्रत कथा  (Story of Mangla Gouri Vrat in Hindi)

कथा के अनुसार एक गांव में बहुत धनी व्यापारी रहता था कई वर्ष बीत जाने के बाद भी उसका कोई पुत्र नहीं हुआ। कई मन्नतों के पश्चात बड़े भाग्य से उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई। परंतु उस बच्चे को श्राप था कि 16 वर्ष की आयु में सर्प काटने के कारण उसी मृत्यु हो जाएगी।

संयोगवश व्यापारी के पुत्र का विवाह सोलह वर्ष से पूर्व मंगला गौरी का व्रत रखने वाली स्त्री की पुत्री से हुआ। व्रत के फल स्वरूप उसकी पुत्री के जीवन में कभी वैधव्य दुख नहीं आ सकता था। इस प्रकार व्यापारी के पुत्र से अकाल मृत्यु का साया हट गया तथा उसे दीर्घायु प्राप्त हुई।

मंगला गौरी व्रत विधि (Mangla Gouri Vrat Vidhi in Hindi)

शास्त्रों के अनुसार श्रावण माह के प्रत्येक मंगलवार को प्रातः स्नान कर मंगला गौरी की फोटो या मूर्ति को सामने रखकर अपनी कामनाओं को मन में दोहराना चाहिए। आटे से बने दीपक में 16 बत्तियां जलाकर देवी के सामने रखना चाहिए।

इसके साथ ही सोलह लड्डू,पान, फल, फूल, लौंग,इलायची तथा सुहाग की निशानियों को देवी के सामने रखकर उसकी पूजा करनी चाहिए। पूजा समाप्त होने पर सभी वस्तुएं ब्राह्मण को दान कर देना चाहिए साथ ही गौरी प्रतिमा को नदी या तालाब में बहा देना चाहिए।

इस दिन यह अवश्य ध्यान रखें कि इस पूजा में उपयोग की जाने वाली सभी वस्तुएं सोलह की संख्या में होनी चाहिए। पांच वर्ष तक मंगला गौरी व्रत करने के बाद पांचवे वर्ष के श्रावण माह के अंतिम मंगलवार को इस व्रत का उद्यापन करना चाहिए।

पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करना चाहिए: (Mantra of Mangla Gouri Vrat in Hindi)

मम पुत्रा पौत्रा सौभाग्य वृद्धये।
श्रीमंगला गौरी प्रीत्यर्थं पंच वर्ष पर्यन्तं मंगला गौरी व्रत महं करिष्ये ll

मंगला गौरी व्रत फल (Benefits of Mangla Gouri Vrat in Hindi)

मान्यता के अनुसार इस व्रत को पूरे विधा- विधान से करने सुहागिन स्त्रियों को मां गौरी अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। इसके अलावा यह व्रत सुखी जीवन तथा लंबी आयु के लिए भी शुभ फलदायी माना जाता है।

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in