कोजागर पूर्णिमा व्रत विधि- Kojagiri Purnima Vrat Vidhi in Hindi

कोजागर पूर्णिमा व्रत विधि- Kojagiri Purnima Vrat Vidhi in Hindi
कोजागर पूर्णिमा व्रत विधि- Kojagiri Purnima Vrat Vidhi in Hindi

आश्विन मास की पूर्णिमा को कोजागर व्रत (Kojagiri Purnima Vrat) रखा जाता है। इस दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। यह व्रत लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने वाला माना जाता है।

कोजागर व्रत (Kojagiri Purnima Vrat Dates)

वर्ष 2022 में आश्विन मास की पूर्णिमा को कोजागर व्रत (पूर्णिमा) 9 अक्टूबर को रखा जाएगा।

कोजागर व्रत विधि (Kojagiri Purnima Vrat Vidhi in Hindi)

नारद पुराण के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को प्रातः स्नान कर उपवास रखना चाहिए। इस दिन तांबे या सोने से बनी लक्ष्मी प्रतिमा को कपड़े से ढंक कर विभिन्न विधियों द्वारा देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। इसके पश्चात रात्रि को चंद्र उदय होने पर घी के सौ दीपक जलाने चाहिए। घी से बनी हुई खीर को बर्तन में रखकर चांदनी रात में रख देना चाहिए।

कुछ समय बाद चांद की रोशनी में रखी हुई खीर का देवी लक्ष्मी को भोग लगाए तथा उसमें से ही ब्राह्मणों को भी प्रसाद स्वरूप दान देना चाहिए। अगले दिन माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए और व्रत का पारण करना चाहिए।

कोजागर व्रत कथा (Kojagiri Purnima Vrat Katha in Hindi)

इस दिन रात के समय जागरण या पूजा करने चाहिए। क्योंकि कोजागर या कोजागरी व्रत में एक प्रचलित कथा है कि इस दिन माता लक्ष्मी रात के समय भ्रमण कर यह देखती हैं कि कौन जाग रहा हैं? जो जागता है उसके घर में मां अवश्य आती हैं।

कोजागर व्रत फल (Benefits of Kojagiri Purnima Vrat in Hindi)

ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा को किए जाने वाला कोजागर व्रत लक्ष्मी जी को अतिप्रिय है। इसलिए इस व्रत का श्रद्धापूर्ण पालन करने से लक्ष्मी जी अति प्रसन्न हो जाती हैं तथा व्यक्ति को धन और समृद्धि देती हैं। इसके अलावा इस व्रत की महिमा से मृत्यु के पश्चात व्रती सद्ति प्राप्त करता है।

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