गणेश पूजा विधि (चतुर्थी) व्रत विधि- Ganesh Chaturthi Puja Vrat Vidhi in Hindi

गणेश पूजा विधि (चतुर्थी) व्रत विधि- Ganesh Chaturthi Puja Vrat Vidhi in Hindi
गणेश पूजा विधि (चतुर्थी) व्रत विधि- Ganesh Chaturthi Puja Vrat Vidhi in Hindi

हिंदू धर्म में गणेश भगवान को प्रथम पूजनीय माना जाता है। किसी भी शुभ-कार्य जैसे विवाह, ग्रह प्रवेश, भूमि पूजन आदि में सबसे पहले गणेश जी की पूजा कर उन्हें शांत कर लिया जाता है। मान्यता है कि गणेश पूजन के फलस्वरूप व्यक्ति की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।

व्यक्ति के सारे संकट और दुख दूर हो जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश और शिव परिवार की पूजा -अर्चना की जाती है। यह हर वर्ष भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है।

गणेश पूजा विधि (Ganesh Puja Vidhi in Hindi)

नारद पुराण के अनुसार श्रीगणेश जी की दैनिक पूजा का महत्त्व चतुर्थी के दिन बेहद बढ़ जाता है। प्रत्येक माह की चतुर्थी को गणेश जी की विशेष पूजा करनी चाहिए। इस दिन दैनिक कार्यों को कर स्नान कर स्वच्छ हो जाना चाहिए। गणेश जी की प्रतिमा को फूल-मालाओं से सजाकर उन्हें रोली का तिलक लगाना चाहिए। इसके बाद विभिन्न सामग्रियों जैसे- फूल, धूप, दीप, कपूर, रोली, चंदन, मोदक आदि द्वारा भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए।

माना जाता है कि भगवान गणेश को दूर्वा बहुत प्रिय है इसलिए इस दिन उन्हें नौ दूर्वा अवश्य चढ़ानी चाहिए।  गणेश जी की पूजा करते हुए श्रीगणेश स्त्रोत का अध्ययन करना चाहिए। इसके उपरांत शिव परिवार की पूजा करनी चाहिए।

गणेश पूजा का फल (Benefits of Ganesh Puja in Hindi)

इस प्रकार से विधिपूर्वक पूजन करने से गणेश भगवान प्रसन्न हो जाते है तथा व्यक्ति के सारे कष्ट हर लेते हैं। श्री गणेश चतुर्थी की यह पूजा दीर्घायु, आरोग्यता, सफलता, सुख- समृद्धि और धन-ऐश्वर्य बढ़ाने वाली होती है।

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