आमलकी एकादशी व्रत विधि- Amalaki Ekadashi Vrat Vidhi in Hindi

आमलकी एकादशी व्रत विधि- Amalaki Ekadashi Vrat Vidhi in Hindi
आमलकी एकादशी व्रत विधि- Amalaki Ekadashi Vrat Vidhi in Hindi

फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है। आमलकी का मतलब आंवला होता है, जिसे हिन्दू धर्म शास्त्रों में गंगा के समान श्रेष्ठ बताया गया है। पद्म पुराण के अनुसार आमलकी या आंवला का वृक्ष भगवान विष्णु को बेहद प्रिय होता है। पीपल के समान आंवले के पेड़ में सभी देवताओं का वास होता है।

आमलकी एकादशी व्रत (Amalaki Ekadashi Vrat)

वर्ष 2022 में आमलकी एकादशी का व्रत 14 मार्च को रखा जाएगा।

आमलकी एकादशी व्रत विधि (Amalaki Ekadashi Vrat Vidhi in Hindi)

पद्म पुराण के अनुसार आमलकी एकादशी के दिन व्रत का संकल्प करना चाहिए। संकल्प के बाद नहा- धोकर शुद्ध होना चाहिए। स्नान करने के बाद पूजा तथा हवन करना चाहिए। पूजा के बाद आमलकी यानि आंवले वृक्ष के नीचे नवरत्न युक्त कलश स्थापित करना चाहिए। इन सब चीजों के अभाव में विष्णु जी की सामान्य पूजा में आंवले को शामिल करना चाहिए।
अगले दिन यानि द्वादशी के दिन नहा- धोकर भगवान विष्णु व ब्राह्मण का पूजन करना चाहिए। पूजा के बाद ब्राह्मण को कलश, वस्त्र आदि दान करना चाहिए। अंत में भोजन ग्रहण कर उपवास खोलना चाहिए।

आमलकी एकादशी व्रत का महत्त्व (Importance of Amalaki Ekadashi Vrat in Hindi)

पद्म पुराण के अनुसार आमलकी एकादशी व्रत करने से तीर्थ स्थानों जितना पुण्य फल मिलता है। सभी यज्ञों के बराबर फल देने वाले इस आमलकी एकादशी व्रत को करने से व्यक्ति मोक्ष प्राप्त करता है तथा मृत्यु के बाद भगवान विष्णु के धाम में जाता है।

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in