अजा एकादशी व्रत विधि - Aja Ekadashi Vrat Vidhi

अजा एकादशी व्रत विधि - Aja Ekadashi Vrat Vidhi

पदम पुराण के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा तथा व्रत करने का विधान है। 


अजा एकादशी व्रत (Aja Ekadashi Vrat)
साल 2019 में अजा एकादशी व्रत 15 फ़रवरी को रखा जाएगा। 


अजा एकादशी व्रत विधि (Aja Ekadashi Vrat Vidhi in Hindi)
अजा एकादशी व्रत नियमों का पालन भाद्रपद मास की कृष्ण दशमी के दिन से करना करना चाहिए। नियमों के अनुसार दशमी के दिन मसूर की दाल, चना, करोदें, शाक आदि भोजन नहीं करना चाहिए।
अजा एकादशी व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर नित्यक्रियाओं से मुक्त होना चाहिए। पूरे घर को जल से शुद्ध करना चाहिए तथा इसके बाद तिल के तेल या मिट्टी के लेप से स्नान करना चाहिए। 
स्नान के बाद व्रत संकल्प लेकर भगवान श्रीहरि का पूजन करना चाहिए। पूजा के स्थान पर भगवान विष्णु जी की प्रतिमा के साथ एक कलश रखने का विधान हैं। इसके बाद विष्णु जी की धूप, फल, फूल, दीप, पंचामृत आदि से पूजा करनी चाहिए।

अजा एकादशी व्रत का महत्त्व (Importance of Aja Ekadashi Vrat in Hindi)
सभी एकादशी व्रतों में अजा एकादशी व्रत को श्रेष्ठ कहा जाता है। यह व्रत साधक को मोक्ष तथा धर्म की राह पर चलने की प्रेरणा प्रदान करता है। पद्म पुराण के अनुसार अजा एकादशी व्रत करने से अश्वमेध यज्ञ, तीर्थ- स्थानों में स्नान तथा कठोर तपस्या के बराबर फल प्राप्त होता है। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य के पापों का नाश तथा मन की शुद्धि करता है।

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