श्रावण (सावन) सोमवार व्रत कथा- Shravan (sawan) Somvar Vrat Katha in Hindi

श्रावण (सावन) सोमवार व्रत कथा- Shravan (sawan) Somvar Vrat Katha in Hindi
Shravan (sawan) Somvar Vrat Katha in Hindi

भारतीय हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पांचवां मास श्रावण का होता है। आम बोलचाल की भाषा में इसे कई लोग सावन भी कहते हैं। यह महीना हिंदुओं के लिए विशेष और पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि सावन भगवान शिव का पसंदीदा मास होता है। सावन मास से सोलह सोमवार व्रत की शुरूआत की जाती है। सावन मास के सोमवार को व्रत रखना बेहद फलदायी और शुभ माना जाता है।

श्रावण (सावन) सोमवार व्रत कथा (Sawan Somvar Vrat Katha in Hindi)

स्कंद पुराण के अनुसार जब सनत कुमार ने भगवान शिव से पूछा कि आपको श्रावण मास इतना प्रिय क्यों है? तब शिवजी ने बताया कि देवी सती ने भगवान शिव को हर जन्म में अपने पति के रूप में पाने का प्रण लिया था। लेकिन अपने पिता दक्ष प्रजापति के भगवान शिव को अपमानित करने के कारण देवी सती ने योगशक्ति से शरीर त्याग दिया। इसके पश्चात उन्होंने दूसरे जन्म में पार्वती नाम से राजा हिमालय और रानी नैना के घर जन्म लिया। उन्होंने युवावस्था में श्रावण महीने में ही निराहार रहकर कठोर व्रत द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न कर उनसे विवाह किया। 

मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए व्रत इसीलिए मान्यता है कि श्रावण में निराहार रह भगवान शिव का व्रत रखने से मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। कुंआरी लड़कियों और लड़कों को इस महीने विशेष रूप से व्रत करने से शादी के योग बनते हैं। साथ ही श्रावण मास में व्रत रखने से भगवान शिव जीवन के सभी कष्टों का निवारण करते हैं। 

सावन सोमवार व्रत विशेषांक (Sawan Somvar Special)

धार्मिक मान्यता के अनुसार इस माह के प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव का व्रत रखना चाहिए, शिवलिंग या शिव प्रतिमा का गंगा जल या दूध से अभिषेक करना चाहिए। भगवान शिव को बेलपत्र अतिप्रिय होते हैं इसलिए पूजा की सामग्री में इसे अवश्य रखना चाहिए।

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