Sheetala Saptami 2022: शीतला सप्तमी 2022 हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। यह दिन शीतला माता या देवी शीतला को समर्पित है। भक्त उनकी प्रार्थना करते हैं और अपने बच्चों और परिवार की सलामती की दुआ मांगते हैं। ऐसा माना जाता है कि देवी शीतला की पूजा करने से चिकनपॉक्स और चेचक जैसी बीमारियों से रक्षा होती है।
यह त्यौहार मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के क्षेत्रों में मनाया जाता है। दक्षिणी भारत में, देवता को देवी मरियमन या देवी पोलरम्मा के रूप में जाना जाता है। शीतला सप्तमी के त्यौहार को आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के क्षेत्रों में पोलाला अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है।
शीतला सप्तमी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि पर मनाई जाती है। इस वर्ष, यह 24 मार्च, 2022 को पड़ेगी। सप्तमी तीथि 24 मार्च को प्रातः 02:16 AM से शुरू होगी और 25 मार्च को प्रातः 12:09 AM पर समाप्त होगी।
स्कंद पुराण के अनुसार, देवी शीतला देवी दुर्गा और मां पार्वती का अवतार हैं। देवी प्रकृति की उपचार शक्ति का प्रतीक हैं और इसलिए भक्त चिकनपाक्स और चेचक जैसी बीमारियों से सुरक्षित और संरक्षित रहने के लिए देवी शीतला की पूजा करते हैं। 'शीतला' का शाब्दिक अर्थ है 'शीतलता' या 'शांत'।
इस दिन, भक्त सूर्योदय से पहले उठते हैं और स्नान करते हैं। भक्त भोग (दही, चावल, हलवा, पूड़ी, एक खीर या रबड़ी आदि), कलश, हलदी, कुमकुम, अक्षत, फूल, सिंदूर, मेहंदी, काजल, लाल चुनरी, कलावा, केला से पूजा करने के लिए शीतला माता मंदिर जाते हैं। बहुत से लोग अपने घर पर ही खुशहाल, स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन के लिए पूजा करते हैं।
शीतला माता व्रत कथा पढ़ना और सुनना पूजा का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। देश के कुछ हिस्सों में, लोग देवी को प्रसन्न करने के लिए अपना सिर मुंडवाते हैं। आरती गाकर पूजा का समापन किया जाता है। पूजा हो जाने के बाद, लोग शुद्ध करने के लिए अपने, अपने परिवार के सदस्यों और अपने घर पर कलश से जल छिड़कते हैं।