शारदीय नवरात्री में माँ दुर्गा की कृपा दृष्टि प्राप्ति के खास उपाय

शारदीय नवरात्री में माँ दुर्गा की कृपा दृष्टि प्राप्ति के खास उपाय

हिन्दू शास्त्र में धार्मिक पुराणों के अनुसार शारदीय नवरात्रि में मां भगवती दुर्गा की पूजा-आराधना विशेष फलदायी है। नवरात्रि ही एक ऐसा पर्व है जिसमें महाकाली, महालक्ष्मी और मां सरस्वती की साधना करके जीवन को सार्थक किया जा सकता है। नवरात्रि मे किए गये उपाय तुरंत असरदायी ओर फलदायी होते है| यहा पर हम ऐसे ही कुछ सरल ओर सात्विक उपाय आपको बताने जा रहे है जिन्हे पूर्ण श्रद्धा के साथ करके आप आसानी से अपने दुर्भाग्य से छुटकारा पा सकते है |

  • धन प्राप्ति के लिए नवरात्री के प्रथम दिन पान के पत्ते पर लाल चन्दन से "ह्रीं" लिखकर देवी दुर्गा को अर्पित करे इसके बाद नवमी तिथि तक लगातार पूजा करे इसके बाद उस पान के पत्ते को धन स्थान पर रख देवे । इस उपाय को करने से आर्थिक लाभ की प्राप्ति होती है ।

  • भौतिक सुखो एवं ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए देवी अथर्वशीर्ष का पाठ करना लाभदायक साबित हो सकता है ।

  • जो जातक राहु, केतु ओर शनि ग्रह की पीड़ा से परेशान है उन्हे नवरात्रि मे माता काली की साधना लाभदायक सिद्ध होती है |

  • नवरात्रि मे मनवंछित विवाह के लिए भगवान शिव का शहद से अभिषेक करे तथा माता पार्वती को लाल चुनरी अर्पित करे |

  • यदि आपके आस पास नकारात्मक उर्जा है ओर आप उससे छुटकारा पाना चाहते है तो नवरात्रि मे भैरव मंदिर मे दीप दान करने से नकारात्मक उर्जा का नाश होता है |

  • यदि आप धन की कमी से परेशान है तो नवरात्रि के पहले दिन 11 लधु नारियल एक लाल कपड़े को बिछाकर उस पर रख दे ओर नवरात्रि के नौ दिन तक उनकी पूजा करे, फिर नवरात्रि के आखरी दिन उसे अपने धन स्थान पर रख दे इससे स्थाई लक्ष्मी का वास होगा और धन से जुड़ी समस्या भी दूर होगी ।

  • यदि आप किसी पुरानी बीमारी के चलते परेशान चल रहे है तो नवरात्रि के प्रथम दिवस से राम रक्षा स्त्रोत का पाठ नियमित रूप से प्रारंभ कर दे आपकी बीमारी मे आपको आराम मिलने लगेगा।

  • यदि आपके कार्यो में लगातार रुकावट आ रही है तो नवरात्री में सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करे । इस उपाय से आपके कार्यो में आ रही रुकावटे दूर हो जाएगी ।

  • जो व्यक्ति किसी पुराने रोग से या अकारण भय से परेशान रहते है उन्हे राम रक्षा स्तोत्र का पाठ 3 बार करना चाहिए ।

  • अष्टमी या नवमी तिथि को साफ स्थान पर उत्तर की दिशा में मुंह करके बैठे। अपने सामने लाल चावलों की एक ढेरी बनाकर उस पर श्रीयंत्र रखें। श्रीयंत्र के सामने तेल के नौ दीपक जलाकर और श्रीसूक्तम का पाठ करे ।

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in