रामचरित मानस से करे नवग्रह शांति के उपाय, मिलेगा तुरंत लाभ
नवरात्री में रामचरितमानस की चौपाई एवं अध्याय के अध्यन करने से मानव जीवन की हर कठिनाई को आसानी से दूर किया जा सकता है क्योकि कलयुग मे दुखो को दूर करने के लिए रामचरितमानस से बड़ा कोई दूसरा उपाय हो ही नही सकता। रामचरितमानस की एक एक चौपाई मानव जीवन की कठिनाई को दूर करने मे सक्षम है रामचरितमानस हमे जीने की कला सिखाती है, जो आज के युग मे अतिआवश्यक है | रामचरितमानस के सात कांड सातो ग्रह की पीड़ा को शांत करते है एवं उन्हे बल भी प्रदान करते है ।
जो जातक सूर्य गृह की महादशा मे है या जिनकी कुंडली मे सूर्य गृह नीच का है, उन्हे रामचरितमानस के बाल कांड का पाठ करना चाहिए । इसमे सूर्यवंशी भगवान राम के जन्म एवम् बाल चरित्र का वर्णन किया है । इसमे सूर्यवंशी भगवान राम के जन्म एवम् बाल चरित्र का वर्णन किया है।
जो जातक चंद्र गृह की महादशा मे है या जिनकी कुंडली मे चंद्र नीच का है, उन्हे रामचरितमानस के अयोध्या कांड का पाठ करना चाहिए । अयोध्या काण्ड का नित्य पाठ करने से चंद्र गृह को बल मिलता है साथ ही मानसिक तनाव भी कम होता है ।
जो जातक मंगल गृह की महादशा मे है या जिनकी कुंडली मे मंगल गृह नीच का है, उन्हे रामचरितमानस के अरण्य कांड का पाठ करना चाहिए । अरण्य काण्ड का नित्य पाठ करने से मंगल गृह को बल मिलता है साथ ही मांगलिक दोष भी ख़त्म होता है ।
जो जातक बुध गृह की महादशा मे है या जिनकी कुंडली मे बुध गृह नीच का है, उन्हे रामचरितमानस के किष्किन्धा कांड का पाठ करना चाहिए । किष्किन्धा काण्ड का नित्य पाठ करने से बुध गृह को बल मिलता है साथ ही बुध गृह का दोष भी ख़त्म होता है ।
जो जातक गुरु गृह की महादशा मे है या जिनकी कुंडली मे बुध गृह नीच का है, उन्हे रामचरितमानस के सुन्दर कांड का पाठ करना चाहिए । सुन्दर काण्ड का नित्य पाठ करने से गुरु गृह को बल मिलता है साथ ही आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है ।
जो जातक शुक्र गृह की महादशा मे है या जिनकी कुंडली मे शुक्र गृह नीच का है, उन्हे रामचरितमानस के लंका कांड का पाठ करना चाहिए । लंका काण्ड का नित्य पाठ करने से शुक्र गृह को बल मिलता है ।
जो जातक शनि महादशा या शनि साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव से पीड़ित है या जिन जातको की कुंडली में राहु और केतु गृह का दोष हो या महादशा से पीड़ित हो ऐसे जातको को रामचरित मानस के अरण्य काण्ड का निरंतर पाठ करना चाहिए ।