मुहर्रम - Muharram

मुहर्रम - Muharram

मुहर्रम (मोहर्रम) इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है। इस महीने का दसवां दिन बेहद अहम होता है। कहते हैं इसी दिन पैगंबर हज़रत मोहम्मद के नाती हज़रत इमाम हुसैन एक धर्मयुद्ध में शहीद हुए थे। इस दिन को "अशुरा" (Ashura) कहा जाता है। इस पर्व का मुख्य आकर्षण बांस की पतली लकड़ियों से बने ढांचे होते हैं जिन्हें "ताज़िया" (Tajia) कहा जाता है। इसका वर्णन इस्लाम धर्म की धार्मिक पुस्तक हदीस में देखने को मिलता है। मुहर्रम 2022 (Muharram Dates in 2022)

वर्ष 2022 में मुहर्रम का मुख्य दिन 30 जुलाई को है।

अशुरा

शिया मुसलमान अशुरा के दिन को प्रोफेट मुहम्मद के पोते हुसेन की कुर्बानी के दिन के तौर पर मनाते है। इसी दिन कर्बला के युद्ध में हुसेन ने शहादत हासिल की थी। अशुरा इस्लामिक पंचांग के मुहर्रम के दसवे दिन आता है।​ इस दिन मुसलमान व्रत रखते है। इसी दिन नोहा ने अपनी अर्क को छोड़ा था और इसी दिन भगवान ने मोसेस को मिस्र के राजा से बचाया था।​

शिया मुसलमान 680 इशा में हुसेन की कर्बला की लड़ाई में हुई शहादत का मातम मनाते है। इस दिन शिया मुसलमान काले कपडे पहन कर सड़क पर जलूस निकालते है। साथ ही लोग अपने ऊपर वार करते है और नारे लगाते हुए मातम मनाते है। कुछ शिया मर्द हुसेन को दी गयी पीड़ा को महसूस करने के लिए अपने आप को ज़ंजीरो से मारते है और अपने सर को कटते है ताकि खून निकल सके। लेकिन कुछ शिया धर्म गुरुओं का यह मानना है की खून बहाने से शिया मुसलमानों के बारे में गलत धारणाएं बनती है इसीलिए शिया मुसलमानों को ऐसा नहीं करना चाहिए। अच्छा यह होगा की इस दिन शिया मुसलमान रक्त दान करें।

हुसेन की हत्या का महत्व

हुसेन की हत्या की वजह से ही इस्लाम शिया और सुन्नी लोगों के बीच बट गया था। इस्लामिक इतिहास के अनुसार शिया एक राजनितिक गुट था। यह गुट प्रोफेट मुहम्मद के दामाद अली का समर्थक था। अली मुसलमानों के चौथे खलीफा थे।

शिया और सुन्नी लोगों के बीच मतभेद तब पैदा हुए जब प्रोफेट मुहम्मद की मृत्यु के बाद इमाम अली मुसलमानों के नेता के तौर पर चुने नहीं गए। इसके बाद अली की 661 ईसा में हत्या कर दी गयी और मुआविया नए खलीफा चुने गए।

मुआविया के बाद उनका बीटा यज़ीद खलीफा बना। लेकिन अली के बेटे हसीन ने यज़ीद को खलीफा मानाने से मना कर दिया। इसके बाद यज़ीद ने कर्बला की लड़ाई में हुसेन और उसके समर्थकों का नर्संघ्हार किया।

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in