Mahashivratri 2022-महाशिवरात्रि 2022: महा शिवरात्रि हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन महीने में अमावस्या चरण की चौदहवीं रात को आती है। महा शिवरात्रि या 'शिव की महान रात' देश भर में भगवान शिव के भक्तों द्वारा बड़ी श्रद्धा के साथ मनाई जाती है।
भगवान शिव के भक्त या अनुयायी अक्सर महा शिवरात्रि के दिन साधना या ध्यान करते हैं। शिवरात्रि पर भक्त पूरी रात जागते हैं, पूजा करते हैं और शांति और ऊर्जा के लिए 'रुद्रम' या वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं। भगवान शिव को समर्पित भक्ति गीत और स्तोत्र भी रात के समय गाए जाते हैं। शिवरात्रि पर उपवास भी भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
माना जाता है कि भगवान शिव ऊर्जा के स्रोत हैं, उन्हें बनाने, बचाने, नष्ट करने और बदलने से जोड़ा जाता। उन्हें 'आदियोगी' या 'मूल योगी' और 'नटराज' या 'दिव्य नर्तक' भी माना जाता है। यहां भगवान शिव के पांच शक्तिशाली मंत्रों का जाप किया जाता है।
महा शिवरात्रि: जानिए 5 प्रमुख शिव मंत्र
शिव मूल मंत्र:
ॐ नमः शिवाय
महा मृत्युंजय मंत्र:
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
रुद्र गायत्री मंत्र:
ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रूद्र प्रचोदयात्
रुद्र मंत्र:
ॐ नमोः भगवते रुद्राय
शिव स्तोत्रम:
कर्पूर गौरम करुणावतारम्
संसारा सरम भुजगेंद्र हरम
सदा वसंतम हृदयारविन्दे
भवम भवानी सहितम नमामि
महा शिवरात्रि: भगवान शिव के प्रसिद्ध भक्ति गीत
सुरेश वाडकर की 'श्री शिव चालीसा'
अनुराधा पौडवाल की 'जय शिव ओंकारा'
हरिहरन द्वारा 'सुबाह सुबहा ले शिव का नाम'
शंकर महादेवन द्वारा 'शिव तांडव स्तोत्रम'
नरेंद्र चंचल द्वारा 'हर हर महादेव शंभु'
हरिहरन द्वारा 'शिव शंकर बेड़ा पार कर'