सावन का महीना बेहद खूबसूरत और हरा भरा माना जाता है। इस महीने की हरियाली तीज भगवान शिव और माता पार्वती मां से संबंधित होती है। इस साल की हरियाली तीज गुरूवार को पड़ रही है और इस दिन गौरी यानि पार्वती माता व शिव जी की पूजा अहम मानी जाती है। इस दिन महिलायें हरी साड़ी और हरी चूड़ियां और पूरे श्रृंगार के साथ रहती हैं। हरियाली तीज सावन में पड़ती है और तभी इस दिन हर रंग को विशेष महत्व दिया जाता है।
हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलायें अपने पति की लंबी आयु, खुशहाल जीवन, तरक्की और स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती हैं। इस दिन पूजा करने के बाद गौरी मां की आरती जरूर करें तभी आपकी पूजा पूर्ण मानी जाती है।
माता पार्वती की आरती
जय पार्वती माता जय पार्वती माता
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
देवन अरज करत हम चित को लाता
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।
इस तरह से करें हरियाली तीज की पूजा -
सुबह जल्दी उठें, उठने के बाद स्नान करें और नए कपड़ों के साथ सोलह श्रृंगार करें। इसके बाद पूजा वाली जगह को अच्छे से साफ करें। फिर गीली मिट्टी से शिव-पार्वती और गणेश जी बनाएं और 'उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये' मंत्र का जाप शुरू करें। इसके बाद पूजा की थाली में सभी सामग्रियां रख लें। पूजा सामग्री रखने के बाद माता को अर्पित करें। फिर भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाएं। इसके बाद प्रार्थना कर शिव जी से अपने और अपने पति की लंबी उम्र की कामना मांगें। इसके बाद तीज व्रत की कथा सुनें और मां पार्वती की आरती करें।