श्री रामनाथ स्वामी मंदिर तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर और हिन्दुओं का बड़ा तीर्थस्थान है। यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसकी पूजा रामायण काल में स्वयं भगवान राम ने की थी। यह भव्य मंदिर आज लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। श्रद्धालु श्री रामनाथ स्वामी मंदिर में भगवान शिव की लिंग रूप में पूजा करते हैं। श्री रामनाथ स्वामी मंदिर 1200 मीटर के चकोर क्षेत्रफल पर बना हुआ है। इसमें प्रवेश करने के लिए चार द्वार बने हुए हैं और प्रत्येक प्रवेश द्वार पर एक गोपुरम बना है जिसमें से पूर्वी गोपुरम की ऊंचाई सबसे अधिक है। इस मंदिर में दो शिवलिंग है पहला 'रामलिंगम' और दूसरा 'काशीलिंगम'।
श्री रामनाथ स्वामी मंदिर का इतिहास बहुत पुराना माना जाता है, परंतु आज जो मंदिर यहां स्थित है वह 12 वी सदी में बनाया गया था। माना जाता है कि श्रीराम द्वारा स्थापित शिवलिंग को, महाभारत काल में पांडवों ने मंदिर का रुप दिया था। मंदिर में कुल 1212 स्तंभ हैं जिन पर विभिन्न आकृतियां बनी हुई है।
भगवान शिव के इस मंदिर में एक नहीं बल्कि दो ज्योतिर्लिंगों की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान् राम ने ब्रह्म हत्या के पाप से बचने के लिए यहां माता सीता द्वारा बनाए गए शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव की पूजा की थी। इसके अलावा हनुमान जी द्वारा लाए गए शिवलिंग की पूजा भी होती है।
श्री रामनाथ स्वामी मंदिर दर्शन का समय सुबह 5 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक तथा दोपहर 3 बजे से लेकर रात 9 बजे तक का है।
मंदिर में यात्रियों के लिए पुजारी विशेष पूजा का प्रबंध भी करते हैं जिसके लिए शुल्क चुकाना पड़ता है।
मंदिर के एक किलोमीटर दूर तक यातायात की कोई सुविधा नहीं उपलब्ध है।