गणेश स्थापना - Ganesh Sthapna

गणेश स्थापना - Ganesh Sthapna

गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक पावन पर्व है। इस दिन विशेष रूप से विघ्ननाशक भगवान गणेश की पूजा का विधान है। यह त्यौहार पूरे 10 दिनों तक बड़े धूम- धाम से मनाया जाता है।  इस साल यह त्यौहार 10 सितंबर, 2021 को मनाया जाएगा। गणेश पुराण के अनुसार इस दिन गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा करने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं तथा मनोकामनाए पूर्ण होती है।

गणेश चतुर्थी का त्यौहार (Festival of Ganesh Chaturthi)

गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में गणेश की नई प्रतिमा की स्थापना करते हैं तथा अंतिम दिन गणेश प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है। माना जाता है कि इस समय गणेश जी की अपने भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं तथा उनकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन गणेश प्रतिमा को स्थापित करने की एक विशेष विधि होती है। इस त्यौहार का वर्णन स्कंद पुराण में किया गया है।

गणेश प्रतिमा की स्थापना विधि (Ganesh Sthapana Vidhi in Hindi)

चतुर्थी के दिन प्रात:काल घर की सफाई करने के बाद स्नानादि कार्यों को पूरा कर लेना चाहिए। गणेश प्रतिमा की स्थापना (Ganesh Sthapana Vidhi) के लिए घर के उत्तर दिशा की ओर लाल रंग का नया कपड़ा बिछाना चाहिए। एक नए कलश में जल भरने के बाद उसका मुंह कोरे कपड़े से ढंक देना चाहिए। अब इस कपड़े पर मिट्टी से बनी गणेश जी की मूर्ति स्थापित करना चाहिए। गणेश जी की मूर्ति को स्थापित पर सिन्दूर चढ़ाते हुए निम्न तरीके से गणेश जी की पूजा करनी चाहिए:

1.सबसे पहले गणेश प्रतिमा के सामने घी का दीप जलाना चाहिए।2.शुद्धिकरण के लिए प्रतिमा तथा स्थापना स्थल पर शुद्ध जल छिड़कते हुए  गणेश जी के लिए फूलों का आसन सजाना चाहिए।3.इसके उपरांत गणपति जी का ध्यान करते हुए निष्ठा भाव से पूजा करने का संकल्प लेना चाहिए।4.गणेश जी की पूजा में दूर्वा का विशेष महत्त्व होता है, इसलिए दूर्वा से जल छिड़ककर मूर्ति को स्नान करवाना चाहिए।5.गणेश प्रतिमा पर नए वस्त्र एवं उपवस्त्र चढ़ाने चाहिए।6.सिन्दूर, फूल, दूर्वा चढ़ाते हुए सुगंधित धूप और दीप से गणेश जी की पूजा करनी चाहिए।7.गणेश जी की आरती उतारते हुए उन्हें विभिन्न प्रकार के फूल अर्पित करना चाहिए।8.इसके बाद श्री फल या नारियल चढ़ाते हुए गणेश जी को 21 लड्डुओं का भोग लगाना चाहिए। इसमें से पांच लड्डू मूर्ति के पास छोड़कर बाकि भक्तों में प्रसाद के रूप में बांट देना चाहिए।9.अंत में सभी गलतियों की छमा याचना करते हुए भगवान को प्रणाम करना चाहिए।10.पूजा के दौरान "गं गणपतये नमः" मंत्र का जाप करना चाहिए।

नोट: गणेश जी की पूजा में तुलसी के पत्तों का कतई प्रयोग नहीं करना चाहिए।

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