बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस गोवा का सबसे प्रसिद्ध चर्च है और दुनिया भर के ईसाइयों के बीच श्रद्धा का पात्र है। सन 1605 में निर्मित बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस (Basilica of Bom Jesus) ईसाई वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण है। यह ओल्ड गोवा में राजधानी पंजिम से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
प्राचीन इतिहास - History of the Church
इस चर्च में सेंट फ्रांसिस जेवियर का शरीर संग्रहित कर रखा गया है जो कि एक सिपाही से संत में तब्दील हो चुके इग्नाटियस लोयोला के छात्र थे। इग्नाटियस लोयोला जीसस के आदेशों के संस्थापक थे। सेंट फ्रांसिस जेवियर की मृत्यु चीन की समुद्र यात्रा के दौरान दिसम्बर 2,1552 ईस्वी में हो गई थी।
एक साल बाद सेंट फ्रांसिस जेवियर की इच्छापूर्ति के लिए इनके मृत शरीर को गोवा के फ्रांसिस जेवियर चर्च में दोबारा दफनाया गया, उस समय संत का शरीर उसी ताजा अवस्था में था जैसे उन्हें पहले दफनाया गया था। इस चर्च में सेंट फ्रांसिस जेवियर के कुछ चित्रों को भी रखा गया है।
ईसाई मान्यता - Historical Belief
यह संत चिकित्सा की चमत्कारी शक्तियों के लिए माने जाते थे और देश भर से तीर्थयात्री यहां अपनी अपनी प्रार्थनाओं की पेशकश लेने आने लगे। यह चर्च बोम जीसस के नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ होता है अच्छा यीशु या शिशु यीशु जिन्हें यह पूर्ण रूप से समर्पित है।